45 मिनिट में 200 श्रद्धालुओं ने किए गर्भगृह से दर्शन

7.45 बजे से वीआईपी और रसीद वालों को दो घंटे मिला गर्भगृह में प्रवेश

उज्जैन:महाकालेश्वर मंदिर में वीआईपी, सशुल्क दर्शन, गर्भगृह से दर्शन और सामान्य दर्शनार्थियों की व्यवस्था मंदिर प्रशासन के लिये उलझन बनता जा रहा है। श्रावण मास के दौरान गर्भगृह में सामान्य दर्शनार्थियों का प्रवेश पूरी तरह बंद कर दिया था। इस दौरान वीआईपी और सशुल्क दर्शन व्यवस्था चल रही थी।

श्रावण के बाद गर्भगृह में वीआईपी और सशुल्क दर्शन करने वालों को सुबह-शाम एक एक घंटा समय निर्धारित कर गर्भगृह में प्रवेश दिया गया। इस दौरान भी सामान्य श्रद्धालु बाहर से ही दर्शन कर रहे थे। इस व्यवस्था का विरोध होने के बाद प्रभारी मंत्री की मौजूदगी में हुई बैठक में एक बार फिर नियम बदल दिये गये जो आज सुबह से लागू भी हो गये हैं।

सुबह यह रही व्यवस्था
भस्मार्ती के बाद सुबह 6.15 पर भीड़ कम होने के चलते नई व्यवस्था के अंतर्गत सामान्य दर्शनार्थियों को गर्भगृह में प्रवेश दिया गया। इस दौरान सशुल्क और वीआईपी दर्शन बंद रहे। गर्भगृह से दर्शनों का सिलसिला सुबह 7 बजे तक चला और 45 मिनिट के दौरान मंदिर में 200 से अधिक लोगों ने गर्भगृह से भगवान के दर्शन के साथ जलाभिषेक और पूजन भी किया।

इसके बाद 7.45 तक आरती समय निर्धारित था। आरती के बाद वीआईपी, प्रोटोकॉल, सशुल्क दर्शनार्थियों को गर्भगृह में प्रवेश दिया गया। इस दौरान सामान्य दर्शनार्थियों को रेलिंग से दर्शन कराये गये।

मंदिर अधिकारियों के अनुसार 10 से 11 बजे के बीच आरती के पश्चात पुन: 11 से 2 बजे तक सामान्य दर्शनार्थियों को गर्भगृह से दर्शन और उसके बाद 2 से 4 बजे तक वीआईपी, सशुल्क दर्शन व्यवस्था रहेगी।

सामान्य दर्शनार्थियों की व्यवस्था के दौरान सशुल्क काउंटर बंद रहेंगे मंदिर के अधिकारियों ने बताया जिस समय सामान्य दर्शनार्थियों को गर्भगृह से दर्शन कराये जायेंगे, उस दौरान सशुल्क 1700 रुपये रसीद काउंटर बंद रहेंगे। साथ ही वीआईपी दर्शन सुविधा को भी बंद कर दिया जायेगा, लेकिन उक्त नियम मंदिर में भीड़ कम होने की स्थिति पर ही लागू होगा। मंदिर में पर्वों, त्योहारों अथवा अन्य कारण से श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती है तो मंदिर प्रशासन द्वारा दर्शन व्यवस्था में बदलाव किया जा सकता है।

श्रद्धालुओं से लेकर कर्मचारियों में असमंजस की स्थिति

एक माह से महाकाल मंदिर दर्शन व्यवस्था को लेकर जिला प्रशासन और मंदिर समिति द्वारा किये जा रहे फेरबदल के कारण नियमित श्रद्धालुओं से लेकर मंदिर के कर्मचारियों में असमंजस की स्थिति निर्मित हो गई है। अब जबकि मंदिर समिति द्वारा नया टाईम टेबल निर्धारित कर दिया है, बावजूद कर्मचारियों को इस पर विश्वास नहीं कि यह व्यवस्था कब तक और कैसे लागू होगी। नियमित दर्शनार्थियों ने कहा कि बार-बार दर्शन व्यवस्था बदलने से लोग भ्रमित हो रहे हैं।

जनप्रतिनिधि व दर्शनार्थी बोले- श्रद्धालुओं को बांट नहीं सकते आम श्रद्धालु ही सर्वोपरि

प्रभारी मंत्री सज्जनसिंह वर्मा ने महाकाल मंदिर से वीआईपी कल्चर को समाप्त करने का काम किया है। आम श्रद्धालुओं को सरलता से दर्शन ही लक्ष्य है। वीआईपी दर्शनार्थियों के लिए समय में की गई बढ़ोतरी पंडे पुजारियों की मांग पर की गई है, बावजूद इसके बाद भी आम श्रद्धालु अन्य पूरे समय महाकाल दर्शन आसानी से कर सकेंगे।रामलाल मालवीय, विधायक घट्टिया

शिर्डी की तर्ज पर हो व्यवस्था
महाकाल मंदिर में स्थानीय आम श्रद्धालुओं के लिए कोई अलग से व्यवस्था नहीं है। यहां का भी श्रद्धालु बाहर से आने वाले श्रद्धालु के ही समान परेशान होता है। शिर्डी की तर्ज पर दर्शन व्यवस्था की जाए। आम श्रद्धालुओं को समय से बांधा नहीं जा सकता है, इसलिए यह जरूरी है कि मंदिर से पूर्णत: वीआईपी कल्चर को समाप्त कर दिया जाए।डॉ. मोहन यादव, विधायक दक्षिण

हमारा तो हमेशा विरोध रहा
मेरा ही नहीं बल्कि हमारी संस्था के वरिष्ठ पदाधिकारियों का विरोध महाकाल मंदिर में वीआईपी कल्चर को लेकर रहा है। कई बार हमने मंदिर व जिला प्रशासन के अधिकारियों से व्यक्तिगत रूप से भी चर्चा की है। नियमित दर्शनार्थियों के साथ मंदिर आने वाले सामान्य दर्शनार्थी हर दिन परेशान होते हैं। बुजुर्गों को भी परेशानी होती है।
एसएन चौबे, नियमित दर्शनार्थी

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